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श्री बाण माता : कुलदेवी सिसोदिया क्षत्रिय वंश ( गोहिल वंश )

सिसोंदिया / गुहिल राजवंश की कुलदेवी “श्री बाण माता” 

इतिहासिक सूत्रो के मुताबिक सिसोंदिया , गहलौत राजवंश की कुलदेवी का नाम बायण माता या बाण माता इसलिये है क्यो कि जब हमारे पूर्वज सौराष्ट्र ( गुजरात ) से यहा चित्तौडगढ आये तब वहा गुजरात में नर्मदा नदी से जो पाषाण निकलते थे उनसे जो शिव जी की स्थापना होती थी ,

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सिसोदिया वंश की कुलदेवी "बाण माता"

उन्हे बाण लिंग कहा जाता था जिनके नाम से मेवाड में बाणेश्वर जी का मंदिर भी है , उन्ही बाणेश्वर महादेव की देवी पार्वती जी का एक अंश माँ बाण के रूप में प्रगट हुआ , मानते है जिन्होने प्राचीनकाल में बाणासुर नामक दैत्य का वध किया था , इसी लिये माँ दुर्गा माता का वह स्वरूप बाण माता के नाम से विख्यात है । जिनके उपासक सिसोंदिया ,गहलौत , चुण्डावत के सभी कुल है ।******* जय माँ श्री बाणेश्वरी माता जी **********

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