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Registry Par Loan Kaise Milta Hai? लोन की चिंता छोड़े और जाने घर की रजिस्ट्री पर कैसे मिलेगा लोन

Registry Par Loan Kaise Milta Hai? | आज के समय में, जब प्रॉपर्टी या घर खरीदने के सपने को पूरा करने की बात आती है, तो बैंक से लोन लेना एक आम प्रचलन है। यदि आपके पास किसी संपत्ति (Property) की रजिस्ट्री है, तो इस आधार पर आप लोन ले सकते हैं। इस प्रकार के लोन को आमतौर पर “मोर्टगेज लोन” या “प्रॉपर्टी पर लोन” कहा जाता है।

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यह लोन उस संपत्ति की सुरक्षा के रूप में दिया जाता है, जो आपकी खुद की हो या रजिस्ट्री पर हो। आइए विस्तार से समझते हैं कि घर की रजिस्ट्री पर लोन कैसे मिलता है, इसके लाभ, शर्तें, और प्रक्रिया क्या होती है।

Registry Par Loan Kaise Milta Hai?  | रजिस्ट्री पर लोन कैसे मिलता है ।

क्या होता है रजिस्ट्री पर लोन ?

जब कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री को गिरवी रखकर लोन लेता है, तो इसे मोर्टगेज लोन या प्रॉपर्टी पर लोन कहा जाता है। यह लोन उन लोगों के लिए सहायक होता है, जो घर खरीदने, किसी अन्य बड़े खर्च को पूरा करने या व्यवसाय में पूंजी लगाने के लिए वित्तीय सहायता चाहते हैं। इस प्रकार का लोन आमतौर पर कम ब्याज दरों पर उपलब्ध होता है क्योंकि बैंक या वित्तीय संस्थान के पास आपकी संपत्ति की सुरक्षा होती है।

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कौन से बैंक और वित्तीय संस्थान देते हैं रजिस्ट्री पर लोन?

भारत में अधिकांश बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (NBFCs) रजिस्ट्री पर लोन प्रदान करती हैं। इनमें SBI, HDFC Bank, ICICI Bank, Axis Bank, और अन्य निजी एवं सरकारी बैंक शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ स्थानीय और क्षेत्रीय वित्तीय संस्थान भी इस प्रकार के लोन की सुविधा प्रदान करते हैं।

Registry Par Loan Kaise Milta Hai? – लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया

रजिस्ट्री पर लोन लेने की प्रक्रिया सरल है, लेकिन कुछ Steps को फॉलो करना जरूरी है। आइए इस प्रक्रिया को Step बाय Step समझते हैं:

1. बैंक या वित्तीय संस्था का चयन

पहला कदम है सही बैंक या वित्तीय संस्था का चयन करना। हर बैंक की लोन देने की शर्तें, ब्याज दरें और लोन की अवधि अलग होती है, इसलिए आपको विभिन्न बैंकों की तुलना करनी चाहिए। इस तरह के लोन देने वाले बैंको के नाम हमने ऊपर बताये है।

2. आवेदन फॉर्म भरना

चयनित बैंक में जाकर आपको लोन के लिए आवेदन फॉर्म भरना होगा। इस फॉर्म में आपकी व्यक्तिगत जानकारी, आय की जानकारी और जिस संपत्ति पर लोन लेना चाहते हैं, उसके विवरण की जानकारी भरनी होगी।

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3. दस्तावेज़ों की जांच

आपके द्वारा जमा किए गए सभी दस्तावेज़ों की बैंक या वित्तीय संस्था द्वारा विस्तार से जांच की जाएगी। इसमें संपत्ति के दस्तावेज़, आपकी आय और क्रेडिट स्कोर की पुष्टि की जाती है।

4. संपत्ति का मूल्यांकन

बैंक द्वारा आपकी संपत्ति की मार्केट वैल्यू का मूल्यांकन किया जाता है। इसके आधार पर यह तय किया जाता है कि आपको कितना लोन मिल सकता है। आमतौर पर संपत्ति की वैल्यू का 60% से 80% तक लोन दिया जाता है।

5. लोन की मंजूरी

सभी दस्तावेज़ और मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद बैंक द्वारा लोन को मंजूरी दी जाती है। यदि आपकी पात्रता पूरी होती है, तो आपको लोन की राशि बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।

6. लोन चुकाने की शर्तें

लोन मंजूरी के बाद आपको एक समय सीमा के भीतर उसे चुकाना होता है। चुकौती की अवधि आमतौर पर 10 से 15 साल तक होती है, लेकिन यह बैंक पर निर्भर करती है। बैंक आपको हर महीने एक निश्चित EMI (Equated Monthly Installment) के रूप में लोन चुकाने की अनुमति देता है।

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रजिस्ट्री पर लोन में ब्याज दरें (Interest Rates)

रजिस्ट्री पर लोन की ब्याज दरें हर बैंक में अलग-अलग हो सकती हैं। इन ब्याज दरों को तय करने के लिए बैंक कई कारकों पर विचार करता है, जैसे:

  1. क्रेडिट स्कोर: यदि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो आपको कम ब्याज दर मिल सकती है।
  2. आय का स्रोत: आपकी आय स्थिर और उच्च होनी चाहिए ताकि बैंक को यह विश्वास हो कि आप लोन की राशि समय पर चुका पाएंगे।
  3. संपत्ति की वैल्यू: संपत्ति की मार्केट वैल्यू जितनी अधिक होगी, लोन की राशि उतनी ही ज्यादा हो सकती है और ब्याज दर भी कम हो सकती है।

वर्तमान समय में, मोर्टगेज लोन की ब्याज दरें आमतौर पर 8% से 12% के बीच होती हैं। यह दर बैंक और आपकी पात्रता पर निर्भर करती है।

Registry Par Loan के लिए जरूरी दस्तावेज़ (Documents Required)

रजिस्ट्री पर लोन के लिए आवेदन करते समय कुछ जरूरी दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है। ये दस्तावेज़ लोन प्रक्रिया को सुनिश्चित करने और बैंक की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होते हैं:

  • क्रेडिट स्कोर रिपोर्ट: आपके क्रेडिट स्कोर का सत्यापन किया जाएगा, जिसके आधार पर बैंक ब्याज दर तय करेगा।
  • संपत्ति के दस्तावेज़: संपत्ति की रजिस्ट्री, सेल डीड, प्रॉपर्टी टैक्स रसीद, और नख्शा।
  • आय प्रमाण: सैलरी स्लिप (यदि सैलरीड हैं), बैंक स्टेटमेंट, आयकर रिटर्न (ITR)।
  • पहचान प्रमाण: आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर ID, पासपोर्ट।
  • पता प्रमाण: बिजली बिल, राशन कार्ड, पानी का बिल।

रजिस्ट्री पर लोन के लाभ

  1. कम ब्याज दर: अन्य प्रकार के लोन की तुलना में रजिस्ट्री पर लोन की ब्याज दरें कम होती हैं।
  2. लंबी अवधि: इस प्रकार के लोन की चुकौती अवधि लंबी होती है, जिससे EMI कम रहती है।
  3. उच्च लोन राशि: संपत्ति की वैल्यू के आधार पर बड़ी राशि का लोन लिया जा सकता है।

निष्कर्ष

रजिस्ट्री पर लोन लेना एक आसान और सुविधाजनक तरीका है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो घर की खरीद, शिक्षा या व्यवसाय के लिए बड़ी वित्तीय सहायता चाहते हैं। इसके लिए संपत्ति की सही रजिस्ट्री और स्थिर आय का होना जरूरी है। लोन लेने से पहले, बैंक की ब्याज दरों और शर्तों की अच्छे से तुलना करना महत्वपूर्ण है ताकि आप बेहतर निर्णय ले सकें।

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