Mahipal Singh Makrana, Karni Sena National president | महिपाल सिंह मकराना : करणी सेना की जीवन यात्रा
आज आपको बताने जा रहे हैं ऐसे क्षत्रिय शेर के बारे में जिस शेर की दहाड़ पूरे भारतवर्ष में सुनने को मिलती है नाम है महिपाल सिंह मकराना । नागौर जिले की विश्व प्रसिद्ध संगमरमर नगरी मकराना में जन्मे है।
Mahipal Singh Makrana इनका पूरा नाम महिपाल सिंह चौहान है। मकराना चौहानों का एक माना हुवा ठिकाना है यहाँ के चौहान अजमेर से निकल कर सांभर होते हुवे मकराना में आकर बसे थे, और महिपाल सिंह भारत के अंतिम हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान के 21वी पीढ़ी के वंशज है।
महिपाल सिंह मकराना राजपूत समाज के प्रसिद्ध सामाजिक नेता हे। जो समय-समय पर राजपूत समाज में जागरूकता फैलाते हैं। बचपन से ही संस्कारी और इमानदार थे और बचपन से ही राजपूतों को एक करने का संकल्प मन में लिया था।
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मकराना साहब राजपूत समाज के प्रतिष्ठित संघठन श्री राजपूत करणी सेना के संस्थापक सदस्य है और वर्तमान में करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। यह ‘राष्ट्रीय एकता’ पर अपनी बात मुखर रूप से सबके सामने रखते हे। समय समय पर महिपाल सिंह रक्त-दान शिविर भी लगवाते हे और पेड़ रोपण कार्यकर्म भी चलवाते हे।
Karni Sena में महिपाल सिंह मकराना की शुरुवात : Mahipal Singh Makrana
राजपूत आरक्षण के मुद्दे पर समस्त राजस्थान के राजपूतों ने 2005 में एक विशाल प्रदर्शन और घेराव किया था, क्योंकि उनका मूल उदेश्य भारत की आरक्षण व्यवस्था को एक समान करवाना था इसलिए राजपूत समाज के सभी बड़े नेता और युवाओं ने बढ़-चढ़कर समाज का साथ दिया था।
इस प्रदर्शन के बाद राजपूतों को यह लगने लगा की उनकी एक पार्टी या सामाजिक संस्था होनी चाहिए जो सरकार तक उनकी बातों को पहुंचा सके। इसी कारण सितंबर 2006 को राजपूत समाज ने लोकेन्द्रसिंह कालवी के नेतृत्व में श्री राजपूत करणी सेना का गठन किया। बाद में इसी सेना के महिपालसिंह जयपुर जिला अध्यक्ष बने थे, और राजपूत समाज के विकास के कार्यो में अपना ध्यान लगाने लगे।
अपनी ईमानदार छवि और राजपूत समाज के लिए निरंतर किये अपने योगदान के कारण करणी सेना में इनको समस्त राजस्थान का अध्यक्ष बनाया गया इस दौरान इन्होने जगह-जगह कार्यकर्म किये और सभी राजपूत युवाओ को प्रोत्साहित किया। अब इस दौरान जी-टीवी पर जोधा-अकबर धारावाहिक प्रसारित होने लगा था।
जोधा-अकबर कार्यकर्म में इतिहास के गलत चित्रण के कारण महिपाल सिंह मकराना ने इनके खिलाफ अपनी आवाज उठाई और धरना प्रदर्शन किये, क्योंकि करणी सेना की छवि राजपूतों में अच्छी थी इसलिए सभी राजपूतों ने इनका साथ दिया और एकता कपूर ( जोधा-अकबर , निर्देशक ) को झुकना पड़ा एवं सीरियल में कुछ बदलाव करने पड़े।
Mahipal Singh Makrana National president :
Shri Rajput Karni Sena ,करणी सेना की बढ़ती लोकप्रियता और युवाओं के जोश एवं समस्त भारत के राजपूतों को केंद्रित करके अब राजस्थान ने निकलकर श्री राजपूत करणी सेना को पुरे भारत में फैलाया गया। ज्यादातर जगहों पर करणी सेना के कार्यालय खोले गए और पदाधिकारियों का विस्तार किया गया।
अब समस्त भारत में राजपूतों को एक सर्वमान्य एवं साफ़ छवि के नेता की जरुरत थी ,और इसी को ध्यान में रखकर महिपाल सिंह मकराना को श्री राजपूत करणी सेना का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। राजपूत युवाओं में जोश और उत्साह भर गया था एक युवा और ईमानदार छवि वाले राष्ट्रीय अध्यक्ष को पाकर।
सति माँ पद्मावती संक्षिप्त इतिहास :
माँ सति पद्मावती का राजपूतों के इतिहास में बहुत ज्यादा महत्त्व हे, क्योकि जब तुर्क अलाउद्दीन खिलजी ने अपने साम्राज्य विस्तार की पिपासा को पुरे भारत में फैलाना चाहा तो राजपुताना के राजा महाराजाओं ने उसके सामने घुटने नहीं टेके थे, और इसी का बदला लेने का जब उसे मौका मिला तो उसने मेवाड़ ने विशाल साम्राज्य के ऊपर आकर्मण कर दिया था, यह घमासान युद्ध कई महीनों चला था दोनों तरफ जान-माल की हानि हुई थी।
चित्तौड़ के किले को चारों और से घेर लिया गया था , तब राजपूतों ने चितौड़ के राजा रावल रतन सिंह के नेतृत्व में शाका करने का निर्णय लिया, और कैसरिया बाना धारण कर निकल गए वीरगति को प्राप्त करने ( शाका वह अंतिम युद्ध होता हे जिसमे राजपूत कैसरिया वस्र धारण कर वीरगति प्राप्त होने तक दुश्मनो का सम्पूर्ण विनाश करते है । )
जब चितौड़ के सभी सामन्त एवं सैनिक राजा के साथ शाका करने चले गए थे तब अपनी आत्मरक्षा और इज्जत को बचाने हेतु महारानी पद्मावती ने किले में मौजूद 16000 क्षत्राणियों के साथ मिलकर जौहर किया था ताकि दुश्मन खिलजी उनके शरीर तक को ना छू सके। ( जौहर तब किया जाता हे जब दुश्मन शक्तिशाली हो और मातृभूमि की रक्षा हेतु समस्त राजपूत युद्ध में शाका करते हे, तब किले में मौजूद सभी स्त्रियाँ अपनी आत्मरक्षा हेतु अग्नि स्नान कर जौहर करती है। )
Padmawat Film & Mahipal Singh Makrana
Karni Sena Protest 2017 में पद्मावत फिल्म की घोषणा हुई थी, और घोषणा में यह बताया गया की पद्मावत फिल्म सूफी कवि मलिक मुहम्मद जायसी के महाकाव्य कविता पद्मावत (1540) पर आधारित है। तो राजपूत समाज तुरंत हरकत में गया, क्योकि पद्मावत काव्य में मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास को तोड़ मरोड़ के पेश किया गया है,और फिल्म में भी इतिहास को धूमिल करने की शंका थी, इसलिए महिपाल सिंह मकराना के नेतृत्व में श्री राजपूत करणी सेना ने सम्पूर्ण भारत में फिल्म का विरोध प्रर्दशन किया एवं फिल्म पर पाबन्दी लगाने की मांग की।
क्योकि मामला वीरांगना क्षत्राणी सति माँ पद्मावती और उन 16000 क्षत्राणियों के गौरवशाली इतिहास से जुड़ा था तो करणी सेना के विरोध को समस्त भारत के हिन्दुओ का समर्थन मिला, और जगह-जगह धरना प्रदर्शन हुवे , फिल्म के विरोध में रैलिया निकाली गई। इसी बिच करणी सेना अध्यक्ष ने दीपिका पादुकोण ( फिल्म अभिनेत्री ) को फिल्म में गलत अभिनय इतिहास के विरुद्ध करने के लिए धमकी भी दी मामला पुरे भारत की मिडिया में तूल पकड़ चूका था।
मकराना की धमकी और समस्त राजपूतो के विरोध प्रदर्शन एवं पुरे भारत में फिल्म के प्रति जनता का बढ़ते आक्रोश के दवाब में राज्यों की सरकारों पर दबाव पड़ा, और गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में फिल्म पर सम्पूर्ण पाबन्दी लगा दी गई।
महिपाल सिंह मकराना एवं करणी सेना से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य : Mahipal Singh Makrana
- श्री राजपूत करणी सेना के गठन का मूल उद्देश्य राजपूतो को आरक्षण दिलवाना और सरकारी नौकरियों में युवाओं को ज्यादा से ज्यादा भागीदारी दिलवाना था।
- करणी सेना के संस्थापक लोकेन्द्र सिंह जी कालवी के पिता स्व. श्री कल्याण सिंह जी कालवी, भारत सरकार में मंत्री थे।
- महिपाल सिंह मकराना करणी सेना में पहले जयपुर जिला अध्यक्ष बने फिर राजस्थान अध्यक्ष और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष।
- करणी सेना के अभी भारत में लगभग 16 लाख रजिस्टर सदस्य है।
- पद्मावत फिल्म विरोध के समय करणी सेना के कार्यकर्ताओ ने शूटिंग के दौरान संजय लीला भंसाली को जोरदार थप्पड़ मारा था जो पुरे भारत में सुर्खियां बन गया था।
- जोधा-अकबर सीरियल विरोध में एकता कपूर स्वं जयपुर आई थी और लोकेन्द्र सिंह कालवी जी से हाथ जोड़ कर करणी सेना की सभी शर्ते मंजूर की थी।
- मशहूर गैंगस्टर आंनदपाल सिंह के एनकाउंटर के बाद एक महीने तक महिपालसिंह और करणी सेना के हजारों कार्यकर्त्ता धरने पर बैठे और एनकाउंटर की CBI जाँच को मंजूरी दिलवाई थी।
- आनंदपाल मामले के विरोध प्रदर्शन में हुई तौड़-फोड़ में महिपाल सिंह मकराना को एक महीने जेल भी जाना पड़ा था।
- महिपाल सिंह मकराना अपने जन्मदिवस पर जगह-जगह पेड़ लगवाते है, और रक्त दान शिविर भी लगवाते हे।