History

महाराजा गंगासिंह जी : कलयुग के भागीरथ जिन्होंने रेगिस्तान में नदियाँ बहा दी थी ,आज भी जन-जन करता हे इनकी पूजा

कलयुग के भागीरथ महाराजा गंगासिंह जी। भारत एक विशाल देश हे जिसमे सैकड़ो प्रान्त और रियासते हुई , मित्रों इन्ही रियासतों में अगर हम सबसे उपर नाम ले तो भारत के प्रान्त राजस्थान की रियासतों का नाम सबसे पहले आता हे।

WhatsApp Group Join Us
Telegram Group Join Now

राजस्थान की रियासतों में कई महान वीर योद्धा और राजा हुवे हे जिन्होंने अपनी वीरता से इतिहास में अपना नाम अमर कर दिया। 

यहाँ  के राजा ना केवल वीर और पराक्रमी थे अपितु वह प्रजापालक भी उतने ही थे, आज हम आपको जिनके बारे में बता रहे है वो बीकानेर संभाग के राजाओं में सबसे लोकप्रिय राजा महाराजा गंगासिंह बहादुर थे।

महाराजा गंगासिंह

बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह जी का पूरा इतिहास

महाराजा गंगा सिंह जी ने राजा लालसिंह के घर तीसरी संतान के रूप जन्म लिया था। जिनके बड़े भाई डूँगरसिंह जी थे। महाराजा गंगासिंह जी जन्म 3 अक्टुबर 1880 में हुआ था महाराजा गंगा सिह जी के जन्म के समय ही देश अंग्रेजों सत्ता के आधीन हो चुका था और गुलामी की जंजीरों में कैद था।

महाराजा गंगासिंह ने बीकानेर रियासत कार्य भार बड़े भाई डुँगरसिंह जी की मृत्यु उपरांत संभाला था । ये एक वीर योद्धा के साथ साथ करणी माता के परम भक्त थे ।

कहते है कि गगासिंह जी बिकानेर से देशनोक पैदल चलकर आते थे ओर करणी माता के मन्दिर मे अपने हाथ पर ज्योत करते थे । जिससे प्रसन्न होकर मां करणी उन्हे दर्शन देती थी ।

एक बार अग्रेजो ने गंगासिंह जी को धोके में पकङ कर पिजंरे में डाल दिया । ओर पिंजरे मे एक भूखे शेर को डालकर कर गंगासिंह जी के हाथ मे एक लकङी पकङा दी ओर कहा कि अगर मां करणी मे शक्ति है तो इस लकङी कि तलवार बना के दिखाओ ओर शेर से अपनी जान बचा लो ।

यह लेख जरूर पढ़े : अमरसिंह राठौड़ एवं बल्लू चम्पावत की गाथा

तभी गंगासिंह जी ने मां करणी को याद किया । तभी लकङी तलवार बन गई । तब गंगासिंह ने अग्रेजो से कहा कि शेर को मारने के लिए राजपुत के दो हाथ ही काफी है । ओर एक ही झटके मे शेर का मुहँ चिर दिया । बाद मे अग्रेजो को गंगासिंह जी ने कई बार हराया था ।

महाराजा गंगासिंह

दिल्ली से बिकानेर तक जाने वाली रेल पट्टरी भी सबसे पहले गंगासिंह जी ने बनवायी थी । गंगासिंह जी के राज को बिकानेर के लिए स्वर्ण काल माना जाता है । आज भी गंगासिंह को बिकानेर के हिन्दु और मुसलमान पुजते है । गंगासिंह न्याय प्रिय राजा थे । 

‘कलयुग के भागीरथ’ थे महाराजा गंगासिंह

महाराजा गंगासिंह ने 1899 से 1900 के बीच पड़े कुख्यात ‘छप्पनिया काल’ की ह्रदय-विदारक विभीषिका देखी थी लोगों को अन्न-जल के लिए मोजताज होते देखकर उन्होने अपनी रियासत के लिए पानी का इंतजाम एक स्थाई समाधान के रूप में करने का संकल्प लिया था और इसीलिये सबसे क्रांतिकारी और दूरदृष्टिवान काम। 

जो इनके द्वारा अपने राज्य के लिए किया गया वह था पंजाब की सतलज नदी का पानी ‘गंग-केनाल’ के ज़रिये बीकानेर जैसे सूखे प्रदेश तक लाना और नहरी सिंचित-क्षेत्र में किसानों को खेती करने और बसने के लिए मुफ्त ज़मीनें देना महाराज गंगासिंह के इन्ही प्रयासों के चलते लोगों ने उन्हे ‘ कलयुग के भागीरथ ‘ की उपाधि से नवाजा था |

महाराजा गंगासिंह

महाराजा गंगासिंह को सन 1880 से 1943 तक इन्हें 14 से भी ज्यादा कई महत्वपूर्ण सैन्य-सम्मानों के अलावा सन 1900 में ‘केसरेहिन्द’ की उपाधि से विभूषित किया गया।

1918 में इन्हें पहली बार 19 तोपों की सलामी दी गयी, वहीं 1921 में दो साल बाद इन्हें अंग्रेज़ी शासन द्वारा स्थाई तौर 19 तोपों की सलामी योग्य शासक माना गया। फरवरी 1943 को बंबई में 62 साल की उम्र में आधुनिक बीकानेर के निर्माता महाराज गंगासिंह जी का निधन हुआ।

मित्रों महाराजा गंगासिंह जी की यह संक्षिप्त जानकारी आपको कैसी लगी निचे कमेंट बॉक्स में जरुर बताये ! 

Related Articles

Back to top button