गलताजी मंदिर का इतिहास | Galtaji Temple History in Hindi
गलताजी मंदिर का इतिहास | Galtaji Temple History in Hindi जयपुर स्थित गलताजी मंदिर भारत के प्राचीन धार्मिक स्थलों में से एक हैं । अरावली पर्वत श्रृंखला की पहाड़ियों के मध्य गुलाबी बलुआ पत्थर से निर्मित इस पवित्र मंदिर में कई प्राकृतिक झरने और कुण्ड और मंडप बने हुवे है, जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का मुख्य केंद्र है। आज हम आपको जयपुर के 18वी शताब्दी में निर्मित पवित्र गलताजी मंदिर के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने जा रहे है, आशा है आपको लेख पसंद आएगा।
गलताजी मंदिर | |
राज्य | राजस्थान |
जिला | जयपुर |
विवरण | गलताजी मंदिर को ‘गलता तीर्थ’ एवं ‘गलता धाम’ के नाम से भी जाना जाता है, गलता धाम अपने झरनों और कुण्डो के कारण विश्व प्रसिद्ध है। |
स्थिति | अरावली पर्वत श्रृंखला |
गलताजी मंदिर का इतिहास
हिन्दुओं के मुख्य तीर्थ स्थलों में से एक गलताजी मंदिर का निर्माण 18वी शताब्दी के मध्य जयपुर रियासत के दीवान कृपाराम द्वारा करवाया गया था, जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय के सानिध्य में निर्मित गुलाबी बलुआ पत्थरों से उत्कृष्ठ कलाकृतियों के मेल से यह पवित्र मंदिर अदभुत प्रतीत होता है। प्राचीन दंत कथाओं के अनुसार यहां गालव ऋषि ने करीब 100 वर्षो तक तपस्या की थी ।
भगवान ने उनके तप से प्रसन्न होकर आश्रीवाद दिया था । इसके बाद ही यहां मंदिर और कुण्ड आदि का निर्माण हूवा था । इस मंदिर का नाम भी गालव ऋषि के नामपर ही गलताजी तीर्थ पड़ा हे। मंदिर में स्थित गौ मुख से पवित्र गंगा का उत्सर्जन होता है।
गलताजी मंदिर के मुख्य भाग – Galtaji Temple
जयपुर के सुरजपोल द्वार के निकट अरावली पर्वत श्रृंखला में बसे इस हिन्दू धर्म स्थल गलताजी धाम में मुख्य रूप से 7 पवित्र कुण्ड बने हुवे है, जो मर्दाना कुंड, जनाना कुंड, गर्म कुंड, लाल कुंड, बावरी कुंड, यज्ञ कुंड, प्रधान कुंड आदि हे। गलताजी तीर्थ में श्री राम , श्री कृष्ण और हनुमान जी के मंदिर भी निर्मित हे, किंतु गलताजी धाम मुख्य रूप से भगवान सूर्य को समर्पित एक पवित्र धार्मिक स्थल हे।
गलताजी मंदिर में गौ मुख बना हुआ है, जिससे निरंतर पवित्र गंगाजी की धारा प्रवाहित होती रहती है जो सभी कुण्ड में जाकर विलय हो जाती हे। इस मंदिर की दीवारों पर ब्रह्मा जी एवम् शिव पार्वती जी की प्रतिमाएं उकेरी गई है, जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केन्द्र हे।
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पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र गलताजी मंदिर
अरावली पर्वतमाला में स्थित होने के कारण यहां चारों तरफ ऊंचे पहाड़ है, जो हरियाली से भरे हुवे रहते हे । गलताजी तीर्थ में मंदिर की नक्काशी और उत्कृष्ठ कारीगरी के कारण देश-विदेश से यहां पर्यटक आते हे। राजस्थान के सबसे अधिक प्रसिद्ध भ्रमण स्थलों में से एक होने के कारण यह पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बिंदु है।
कैसे पहुंचे गलताजी धाम
जयपुर शहर से 10 किमी की दूरी पर स्थित होने के कारण आप यहां पर परिवहन के लगभग सभी साधनों से गलताजी तीर्थ पर आसानी से पहुंच सकते हे। जयपुर में देश-विदेश से हवाई यात्रा भी उपलब्ध हे, साथ में रेल मार्ग द्वारा जयपुर भारत के सभी मुख्य शहरों और राज्यो से सीधी रेल यात्रा कर सकते हे। अगर आप यहां दर्शन का मन बना रहे हे तो मकर सक्रांति के मेले या फिर सावन के महीने में जरूर यहां आए, क्योंकि इस समय गलताजी धाम में श्रद्धालुओं की असंख्य भीड़ उमड़ी रहती है ।
गलताजी धाम के निकट दर्शनीय स्थल
गलताजी तीर्थ के आस-पास अनेकों दर्शनीय स्थल मौजूद हे, जिनमे सबसे नजदीक सिसोदिया रानी का बाग, गेटोर की छतरियां, और जल महल एवम् हवा महल मुख्य हे। Galtaji Temple से थोड़ी दूरी पर आमेर किला, नाहरगढ़ किला और जयगढ़ किला भी पर्यटकों को लुभावने लगते हे। जयपुर के केंद्र में स्थित गोविंद देव जी का मंदिर और मोती डूंगरी गणेश मंदिर के साथ बिड़ला मंदिर भी अत्यधिक महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल है।
FAQ’s
गलताजी का रहस्य क्या है?
गालव ऋषि के 100 वर्षो के तप के कारण गलताजी धाम बहुत ही चमत्कारी स्थल है। यहां के कुण्ड में स्नान करने से सभी कुष्ठ रोगों से मुक्ति मिलती है ।
गलता गैंग के नाम से क्या प्रसिद्ध है?
जयपुर स्थित गलताजी धाम में बंदरों के झुण्ड को गलता गैंग के नाम से जाना जाता है । इन बंदरों की टोली पर डिस्कवरी चैनल ने एक विशेष प्रोग्राम प्रकाशित किया था, तब से गलताजी के बंदरों की टोली को गलता गैंग के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त हुई ।
गलताजी मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?
जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय के सानिध्य में उनके दीवान कृपाराम ने 18वी शताब्दी में गलताजी धाम का निर्माण करवाया था ।
गलता धाम का प्रसिद्ध कुण्ड कौनसा है?
गलता धाम में स्थित सूर्य कुण्ड सबसे प्रसिद्ध और पवित्र हे, इस कुण्ड में गौ मुख से पवित्र गंगाजी की धारा प्रवाहित होती हे ।
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Vijay Singh Chawandia